Original

दुष्करं हि रसज्ञेन मांसस्य परिवर्जनम् ।चर्तुं व्रतमिदं श्रेष्ठं सर्वप्राण्यभयप्रदम् ॥ १९ ॥

Segmented

दुष्करम् हि रस-ज्ञेन मांसस्य परिवर्जनम् चर्तुम् व्रतम् इदम् श्रेष्ठम् सर्व-प्राणि-अभय-प्रदम्

Analysis

Word Lemma Parse
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
रस रस pos=n,comp=y
ज्ञेन ज्ञ pos=a,g=m,c=3,n=s
मांसस्य मांस pos=n,g=n,c=6,n=s
परिवर्जनम् परिवर्जन pos=n,g=n,c=1,n=s
चर्तुम् चर् pos=vi
व्रतम् व्रत pos=n,g=n,c=2,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=n,c=2,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
प्राणि प्राणिन् pos=n,comp=y
अभय अभय pos=n,comp=y
प्रदम् प्रद pos=a,g=n,c=2,n=s