महाभारतम् — 13.114.2
Original
Segmented
बृहस्पतिः उवाच सर्वाणि एतानि धर्मस्य पृथग् द्वाराणि सर्वशः शृणु संकीर्त्यमानानि षड् एव भरत-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सर्वाणि | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=p |
एतानि | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पृथग् | पृथक् | pos=i |
द्वाराणि | द्वार | pos=n,g=n,c=1,n=p |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
संकीर्त्यमानानि | संकीर्तय् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
षड् | षष् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |