Original

अन्नस्य हि प्रदानेन नरो दुर्गं न सेवते ।तस्मादन्नं प्रदातव्यमन्यायपरिवर्जितम् ॥ २३ ॥

Segmented

अन्नस्य हि प्रदानेन नरो दुर्गम् न सेवते तस्माद् अन्नम् प्रदातव्यम् अन्याय-परिवर्जितम्

Analysis

Word Lemma Parse
अन्नस्य अन्न pos=n,g=n,c=6,n=s
हि हि pos=i
प्रदानेन प्रदान pos=n,g=n,c=3,n=s
नरो नर pos=n,g=m,c=1,n=s
दुर्गम् दुर्ग pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
सेवते सेव् pos=v,p=3,n=s,l=lat
तस्माद् तस्मात् pos=i
अन्नम् अन्न pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रदातव्यम् प्रदा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya
अन्याय अन्याय pos=n,comp=y
परिवर्जितम् परिवर्जय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part