महाभारतम् — 13.113.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच अधर्मस्य गतिः ब्रह्मन् कथिता मे त्वया अनघ धर्मस्य तु गतिम् श्रोतुम् इच्छामि वदताम् वर कृत्वा कर्माणि पापानि कथम् यान्ति शुभाम् गतिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अधर्मस्य | अधर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कथिता | कथय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
अनघ | अनघ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तु | तु | pos=i |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वदताम् | वद् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
कर्माणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
पापानि | पाप | pos=a,g=n,c=2,n=p |
कथम् | कथम् | pos=i |
यान्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शुभाम् | शुभ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |