Original

अमांसाशी ब्रह्मचारी सर्वभूतहिते रतः ।स लोकान्विपुलान्दिव्यानादित्यानामुपाश्नुते ॥ ८५ ॥

Segmented

अ मांस-आशी ब्रह्मचारी सर्व-भूत-हिते रतः स लोकान् विपुलान् दिव्यान् आदित्यानाम् उपाश्नुते

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
मांस मांस pos=n,comp=y
आशी आशिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
ब्रह्मचारी ब्रह्मचारिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
भूत भूत pos=n,comp=y
हिते हित pos=n,g=n,c=7,n=s
रतः रम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
लोकान् लोक pos=n,g=m,c=2,n=p
विपुलान् विपुल pos=a,g=m,c=2,n=p
दिव्यान् दिव्य pos=a,g=m,c=2,n=p
आदित्यानाम् आदित्य pos=n,g=m,c=6,n=p
उपाश्नुते उपाश् pos=v,p=3,n=s,l=lat