महाभारतम् — 13.109.5
Original
Segmented
अधर्मात् मुच्यते केन धर्मम् आप्नोति वै कथम् स्वर्गम् पुण्यम् च लभते कथम् भरत-सत्तम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अधर्मात् | अधर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
मुच्यते | मुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
केन | क | pos=n,g=m,c=3,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आप्नोति | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वै | वै | pos=i |
कथम् | कथम् | pos=i |
स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पुण्यम् | पुण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कथम् | कथम् | pos=i |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
सत्तम | सत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |