महाभारतम् — 13.107.66
Original
Segmented
नित्यम् अग्निम् परिचरेद् भिक्षाम् दद्यात् च नित्यदा वाग्यतो दन्तकाष्ठम् च नित्यम् एव समाचरेत् न च अभ्युदि-शायी स्यात् प्रायश्चित्ती तथा भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परिचरेद् | परिचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भिक्षाम् | भिक्षा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दद्यात् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
नित्यदा | नित्यदा | pos=i |
वाग्यतो | वाग्यत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दन्तकाष्ठम् | दन्तकाष्ठ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
समाचरेत् | समाचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अभ्युदि | अभ्युदि | pos=va,comp=y,f=part |
शायी | शायिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
प्रायश्चित्ती | प्रायश्चित्तिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |