महाभारतम् — 13.107.40
Original
Segmented
य उच्छिष्टः प्रवदति स्वाध्यायम् च अधिगच्छति यः च अन् अध्याय-काले ऽपि मोहाद् अभ्यस्यति द्विजः तस्माद् युक्तो अपि अनध्याये न अधीयीत कदाचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
य | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्छिष्टः | उच्छिष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रवदति | प्रवद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्वाध्यायम् | स्वाध्याय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अधिगच्छति | अधिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अन् | अन् | pos=i |
अध्याय | अध्याय | pos=n,comp=y |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
मोहाद् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अभ्यस्यति | अभ्यस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
द्विजः | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
युक्तो | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अपि | अपि | pos=i |
अनध्याये | अनध्याय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
अधीयीत | अधी | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कदाचन | कदाचन | pos=i |