महाभारतम् — 13.105.55
Original
Segmented
बुध्यामि त्वाम् वृत्र-हणम् शतक्रतुम् व्यतिक्रमन्तम् भुवनानि विश्वा किंचिद् न वाचा वृजिनम् कदाचिद् अकार्षम् ते मनसो ऽभिषङ्गात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बुध्यामि | बुध् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
वृत्र | वृत्र | pos=n,comp=y |
हणम् | हन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
शतक्रतुम् | शतक्रतु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
व्यतिक्रमन्तम् | व्यतिक्रम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
भुवनानि | भुवन | pos=n,g=n,c=2,n=p |
विश्वा | विश्व | pos=n,g=n,c=2,n=p |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
वाचा | वाच् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वृजिनम् | वृजिन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
अकार्षम् | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मनसो | मनस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
ऽभिषङ्गात् | अभिषङ्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |