महाभारतम् — 13.105.54
Original
Segmented
गौतम उवाच रथन्तरम् यत्र बृहत् च गीयते यत्र वेदी पुण्डरीकैः स्तृणोति यत्र उपयाति हरिभिः सोम-पीथी तत्र त्वा अहम् हस्तिनम् यातयिष्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गौतम | गौतम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रथन्तरम् | रथंतर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
बृहत् | बृहन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
गीयते | गा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यत्र | यत्र | pos=i |
वेदी | वेदिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पुण्डरीकैः | पुण्डरीक | pos=n,g=n,c=3,n=p |
स्तृणोति | स्तृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यत्र | यत्र | pos=i |
उपयाति | उपया | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हरिभिः | हरि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सोम | सोम | pos=n,comp=y |
पीथी | पीथिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हस्तिनम् | हस्तिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यातयिष्ये | यातय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |