महाभारतम् — 13.105.19
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच अतिथि-व्रताः सु व्रताः ये जना वै प्रतिश्रयम् ददति ब्राह्मणेभ्यः शिष्ट-आशिनः संविभज्य आश्रितान् च मन्दाकिनीम् ते ऽपि विभूषयन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अतिथि | अतिथि | pos=n,comp=y |
व्रताः | व्रत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सु | सु | pos=i |
व्रताः | व्रत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
जना | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वै | वै | pos=i |
प्रतिश्रयम् | प्रतिश्रय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ददति | दा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ब्राह्मणेभ्यः | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=4,n=p |
शिष्ट | शिष्ट | pos=n,comp=y |
आशिनः | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
संविभज्य | संविभज् | pos=vi |
आश्रितान् | आश्रि | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
मन्दाकिनीम् | मन्दाकिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |
विभूषयन्ति | विभूषय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |