महाभारतम् — 13.101.21
Original
Segmented
यम् यम् उद्दिश्य दीयेरन् देवम् सुमनसः प्रभो मङ्गल-अर्थम् स तेन अस्य प्रीतो भवति दैत्यप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उद्दिश्य | उद्दिश् | pos=vi |
दीयेरन् | दा | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
देवम् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सुमनसः | सुमनस् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
मङ्गल | मङ्गल | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तेन | तेन | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दैत्यप | दैत्यप | pos=n,g=m,c=8,n=s |