महाभारतम् — 13.100.6
Original
Segmented
सदा यज्ञेन देवान् च आतिथ्येन च मानवान् छन्दतः च यथा नित्यम् अर्हान् युञ्जीत नित्यशः तेन ह्य् ऋषि-गणाः प्रीता भवन्ति मधुसूदन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सदा | सदा | pos=i |
यज्ञेन | यज्ञ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
आतिथ्येन | आतिथ्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
मानवान् | मानव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
छन्दतः | छन्द | pos=n,g=m,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
यथा | यथा | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
अर्हान् | अर्ह | pos=a,g=m,c=2,n=p |
युञ्जीत | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
नित्यशः | नित्यशस् | pos=i |
तेन | तेन | pos=i |
ह्य् | हि | pos=i |
ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
गणाः | गण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रीता | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मधुसूदन | मधुसूदन | pos=n,g=m,c=8,n=s |