महाभारतम् — 13.100.12
Original
Segmented
धन्वन्तरेः प्राग् उदीच्याम् प्राच्याम् शक्राय माधव मनोः वै इति च प्राहुः बलिम् द्वारे गृहस्य वै मरुद्भ्यो देवताभ्यः च बलिम् अन्तः गृहे हरेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धन्वन्तरेः | धन्वन्तरि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्राग् | प्राक् | pos=i |
उदीच्याम् | उदीची | pos=n,g=f,c=7,n=s |
प्राच्याम् | प्राची | pos=n,g=f,c=7,n=s |
शक्राय | शक्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
माधव | माधव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
मनोः | मनु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वै | वै | pos=i |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
प्राहुः | प्राह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
बलिम् | बलि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
द्वारे | द्वार | pos=n,g=n,c=7,n=s |
गृहस्य | गृह | pos=n,g=n,c=6,n=s |
वै | वै | pos=i |
मरुद्भ्यो | मरुत् | pos=n,g=,c=4,n=p |
देवताभ्यः | देवता | pos=n,g=f,c=4,n=p |
च | च | pos=i |
बलिम् | बलि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अन्तः | अन्तर् | pos=i |
गृहे | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=s |
हरेत् | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |