Original

युधिष्ठिर उवाच ।गार्हस्थ्यं धर्ममखिलं प्रब्रूहि भरतर्षभ ।ऋद्धिमाप्नोति किं कृत्वा मनुष्य इह पार्थिव ॥ १ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच गार्हस्थ्यम् धर्मम् अखिलम् प्रब्रूहि भरत-ऋषभ ऋद्धिम् आप्नोति किम् कृत्वा मनुष्य इह पार्थिव

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
गार्हस्थ्यम् गार्हस्थ्य pos=a,g=m,c=2,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
अखिलम् अखिल pos=a,g=m,c=2,n=s
प्रब्रूहि प्रब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
ऋद्धिम् ऋद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
आप्नोति आप् pos=v,p=3,n=s,l=lat
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
मनुष्य मनुष्य pos=n,g=m,c=1,n=s
इह इह pos=i
पार्थिव पार्थिव pos=n,g=m,c=8,n=s