महाभारतम् — 13.1.41
Original
Segmented
सर्प उवाच यथा हवींषि जुह्वाना मखे वै लुब्धक-ऋत्विजः न फलम् प्राप्नुवन्ति अत्र पर-लोके तथा हि अहम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्प | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यथा | यथा | pos=i |
हवींषि | हविस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
जुह्वाना | हु | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
मखे | मख | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वै | वै | pos=i |
लुब्धक | लुब्धक | pos=n,comp=y |
ऋत्विजः | ऋत्विज् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्राप्नुवन्ति | प्राप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
अत्र | अत्र | pos=i |
पर | पर | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |