महाभारतम् — 13.1.22
Original
Segmented
गौतमी उवाच का अर्थ-प्राप्तिः गृह्य शत्रुम् निहत्य का वा शान्तिः प्राप्य शत्रुम् न मुक्त्वा कस्मात् सौम्य भुजगे न क्षमेयम् मोक्षम् वा किम् कारणम् न अस्य कुर्याम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गौतमी | गौतमी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
प्राप्तिः | प्राप्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
गृह्य | ग्रह् | pos=vi |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निहत्य | निहन् | pos=vi |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
शान्तिः | शान्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
मुक्त्वा | मुच् | pos=vi |
कस्मात् | कस्मात् | pos=i |
सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
भुजगे | भुजग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
क्षमेयम् | क्षम् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
मोक्षम् | मोक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कुर्याम् | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |