महाभारतम् — 12.99.23
Original
Segmented
हविर्धानम् तु तस्य आहुः परेषाम् वाहिनी-मुखम् कुञ्जराणाम् हयानाम् च वर्मिणाम् च समुच्चयः अग्निः श्येनचितो नाम तस्य यज्ञे विधीयते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हविर्धानम् | हविर्धान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वाहिनी | वाहिनी | pos=n,comp=y |
मुखम् | मुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुञ्जराणाम् | कुञ्जर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
हयानाम् | हय | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
वर्मिणाम् | वर्मिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
समुच्चयः | समुच्चय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्येनचितो | श्येनचित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नाम | नाम | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यज्ञे | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विधीयते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |