महाभारतम् — 12.97.10
Original
Segmented
या तु धर्म-विलोपेन मर्यादा-भेदनेन च ताम् वृत्तिम् न अनुवर्तेत विजिगीषुः महीपतिः धर्म-लब्धात् हि विजयात् को लाभो ऽभ्यधिको भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
विलोपेन | विलोप | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मर्यादा | मर्यादा | pos=n,comp=y |
भेदनेन | भेदन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अनुवर्तेत | अनुवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विजिगीषुः | विजिगीषु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
महीपतिः | महीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
लब्धात् | लभ् | pos=va,g=m,c=5,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
विजयात् | विजय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लाभो | लाभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभ्यधिको | अभ्यधिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |