महाभारतम् — 12.94.29
Original
Segmented
यो अर्थ-कामस्य वचनम् प्रातिकूल्यात् न मृष्यते शृणोति प्रतिकूलानि विमना नचिराद् इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
कामस्य | काम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रातिकूल्यात् | प्रातिकूल्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
न | न | pos=i |
मृष्यते | मृष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शृणोति | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रतिकूलानि | प्रतिकूल | pos=a,g=n,c=2,n=p |
विमना | विमनस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नचिराद् | नचिरात् | pos=i |
इव | इव | pos=i |