महाभारतम् — 12.93.18
Original
Segmented
यस्य न अस्ति गुरुः धर्मे न च अन्यान् अनुपृच्छति सुख-तन्त्रः अर्थ-लाभेषु न चिरम् महद् अश्नुते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अनुपृच्छति | अनुप्रछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
तन्त्रः | तन्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
लाभेषु | लाभ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
न | न | pos=i |
चिरम् | चिरम् | pos=i |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |