Original

तत्कुरुष्व महाराज वृत्तं राजर्षिसेवितम् ।आतिष्ठ दिव्यं पन्थानमह्नाय भरतर्षभ ॥ ५३ ॥

Segmented

तत् कुरुष्व महा-राज वृत्तम् राजर्षि-सेवितम् आतिष्ठ दिव्यम् पन्थानम् अह्नाय भरत-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
कुरुष्व कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
वृत्तम् वृत्त pos=n,g=n,c=2,n=s
राजर्षि राजर्षि pos=n,comp=y
सेवितम् सेव् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
आतिष्ठ आस्था pos=v,p=2,n=s,l=lot
दिव्यम् दिव्य pos=a,g=m,c=2,n=s
पन्थानम् पथिन् pos=n,g=,c=2,n=s
अह्नाय अहर् pos=n,g=,c=4,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s