महाभारतम् — 12.92.34
Original
Segmented
कृपण-अनाथ-वृद्धानाम् यदा अश्रु व्यपमार्ष्टि वै हर्षम् संजनयन् नृणाम् स राज्ञो धर्म उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृपण | कृपण | pos=a,comp=y |
अनाथ | अनाथ | pos=a,comp=y |
वृद्धानाम् | वृद्ध | pos=a,g=m,c=6,n=p |
यदा | यदा | pos=i |
अश्रु | अश्रु | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्यपमार्ष्टि | व्यपमृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वै | वै | pos=i |
हर्षम् | हर्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संजनयन् | संजनय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नृणाम् | नृ | pos=n,g=,c=6,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |