महाभारतम् — 12.90.15
Original
Segmented
गुप्तैः चारैः अनुमतैः पृथिवीम् अनुचारयेत् सु नीतम् यदि मे वृत्तम् प्रशंसन्ति न वा पुनः कच्चिद् रोचेत् जनपदे कच्चिद् राष्ट्रे च मे यशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुप्तैः | गुप् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
चारैः | चार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अनुमतैः | अनुमन् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अनुचारयेत् | अनुचारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सु | सु | pos=i |
नीतम् | नी | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
यदि | यदि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वृत्तम् | वृत्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रशंसन्ति | प्रशंस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
न | न | pos=i |
वा | वा | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
रोचेत् | रुच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
जनपदे | जनपद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
राष्ट्रे | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |