महाभारतम् — 12.90.14
Original
Segmented
किम् छिद्रम् को ऽनुषङ्गो मे किम् वा अस्ति अविनिपातितम् कुतो माम् आस्रवेद् दोष इति नित्यम् विचिन्तयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
छिद्रम् | छिद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽनुषङ्गो | अनुषङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अविनिपातितम् | अविनिपातित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कुतो | कुतस् | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
आस्रवेद् | आस्रु | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
दोष | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
विचिन्तयेत् | विचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |