महाभारतम् — 12.89.17
Original
Segmented
प्रभुः नियमने राजा य एतान् न नियच्छति भुङ्क्ते स तस्य पापस्य चतुः-भागम् इति श्रुतिः तथा कृतस्य धर्मस्य चतुः-भागम् उपाश्नुते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नियमने | नियमन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
य | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
नियच्छति | नियम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
पापस्य | पाप | pos=n,g=n,c=6,n=s |
चतुः | चतुर् | pos=n,comp=y |
भागम् | भाग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
कृतस्य | कृ | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
चतुः | चतुर् | pos=n,comp=y |
भागम् | भाग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपाश्नुते | उपाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |