महाभारतम् — 12.88.10
Original
Segmented
नगरे नगरे च स्याद् एकः सर्व-अर्थ-चिन्तकः उच्चैस् स्थाने घोर-रूपः नक्षत्राणाम् इव ग्रहः भवेत् स तान् परिक्रामेत् सर्वान् एव सदा स्वयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नगरे | नगर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नगरे | नगर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
चिन्तकः | चिन्तक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
स्थाने | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
घोर | घोर | pos=a,comp=y |
रूपः | रूप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नक्षत्राणाम् | नक्षत्र | pos=n,g=n,c=6,n=p |
इव | इव | pos=i |
ग्रहः | ग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
परिक्रामेत् | परिक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
सदा | सदा | pos=i |
स्वयम् | स्वयम् | pos=i |