महाभारतम् — 12.88.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच राष्ट्र-गुप्तिम् च मे राजन् राष्ट्रस्य एव च संग्रहम् सम्यग् जिज्ञासमानाय प्रब्रूहि भरत-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राष्ट्र | राष्ट्र | pos=n,comp=y |
गुप्तिम् | गुप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
राष्ट्रस्य | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
संग्रहम् | संग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
जिज्ञासमानाय | जिज्ञास् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
प्रब्रूहि | प्रब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |