महाभारतम् — 12.87.3
Original
Segmented
तस्मात् ते वर्तयिष्यामि दुर्ग-कर्म विशेषतः श्रुत्वा तथा विधातव्यम् अनुष्ठेयम् च यत्नतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
वर्तयिष्यामि | वर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
दुर्ग | दुर्ग | pos=n,comp=y |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
तथा | तथा | pos=i |
विधातव्यम् | विधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
अनुष्ठेयम् | अनुष्ठा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
च | च | pos=i |
यत्नतः | यत्न | pos=n,g=m,c=5,n=s |