महाभारतम् — 12.84.51
Original
Segmented
धर्म-अर्थ-काम-ज्ञम् उपेत्य पृच्छेद् युक्तो गुरुम् ब्राह्मणम् उत्तम-अर्थम् निष्ठा कृता तेन यदा सह स्यात् तम् तत्र मार्गम् प्रणयेद् असक्तम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
काम | काम | pos=n,comp=y |
ज्ञम् | ज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
उपेत्य | उपे | pos=vi |
पृच्छेद् | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
युक्तो | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुरुम् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निष्ठा | निष्ठा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
सह | सह | pos=i |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
मार्गम् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रणयेद् | प्रणी | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
असक्तम् | असक्त | pos=a,g=m,c=2,n=s |