Original

सर्वलोकं समं शक्तः सान्त्वेन कुरुते वशे ।तस्मै मन्त्रः प्रयोक्तव्यो दण्डमाधित्सता नृप ॥ ४२ ॥

Segmented

सर्व-लोकम् समम् शक्तः सान्त्वेन कुरुते वशे तस्मै मन्त्रः प्रयोक्तव्यो दण्डम् आधित्सता नृप

Analysis

Word Lemma Parse
सर्व सर्व pos=n,comp=y
लोकम् लोक pos=n,g=m,c=2,n=s
समम् सम pos=n,g=m,c=2,n=s
शक्तः शक् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
सान्त्वेन सान्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
कुरुते कृ pos=v,p=3,n=s,l=lat
वशे वश pos=n,g=m,c=7,n=s
तस्मै तद् pos=n,g=m,c=4,n=s
मन्त्रः मन्त्र pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रयोक्तव्यो प्रयुज् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya
दण्डम् दण्ड pos=n,g=m,c=2,n=s
आधित्सता आधित्स् pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s