महाभारतम् — 12.84.12
Original
Segmented
समर्थान् पूजयेद् यः च न अस्पर्ध्यैः स्पर्धते च यः न च कामाद् भयात् क्रोधाल् लोभाद् वा धर्मम् उत्सृजेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समर्थान् | समर्थ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
पूजयेद् | पूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
अस्पर्ध्यैः | अस्पर्ध्य | pos=a,g=m,c=3,n=p |
स्पर्धते | स्पृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
कामाद् | काम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भयात् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
क्रोधाल् | क्रोध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
लोभाद् | लोभ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
वा | वा | pos=i |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उत्सृजेत् | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |