महाभारतम् — 12.8.8
Original
Segmented
सर्व-आरम्भान् समुत्सृज्य हत-स्वस्ति अकिंचनः कस्माद् आशंससे भैक्ष्यम् चर्तुम् प्राकृत-वत् प्रभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
आरम्भान् | आरम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
समुत्सृज्य | समुत्सृज् | pos=vi |
हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अकिंचनः | अकिञ्चन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कस्माद् | कस्मात् | pos=i |
आशंससे | आशंस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
भैक्ष्यम् | भैक्ष्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चर्तुम् | चर् | pos=vi |
प्राकृत | प्राकृत | pos=a,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |