महाभारतम् — 12.8.6
Original
Segmented
यो हि आजिजीविषेत् भैक्ष्यम् कर्मणा न एव केनचित् समारम्भान् बुभूषेत हत-स्वस्ति अकिंचनः सर्व-लोकेषु विख्यातो न पुत्र-पशु-संहितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
आजिजीविषेत् | आजिजीविष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भैक्ष्यम् | भैक्ष्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
केनचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
समारम्भान् | समारम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
बुभूषेत | बुभूष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अकिंचनः | अकिञ्चन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विख्यातो | विख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
पुत्र | पुत्र | pos=n,comp=y |
पशु | पशु | pos=n,comp=y |
संहितः | संधा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |