महाभारतम् — 12.79.21
Original
Segmented
क्षत्रस्य अभिप्रवृद्धस्य ब्राह्मणेषु विशेषतः ब्रह्मा एव संनियन्तृ स्यात् क्षत्रम् हि ब्रह्म-सम्भवम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
क्षत्रस्य | क्षत्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
अभिप्रवृद्धस्य | अभिप्रवृध् | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
ब्राह्मणेषु | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
ब्रह्मा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
संनियन्तृ | संनियन्तृ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
क्षत्रम् | क्षत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
सम्भवम् | सम्भव | pos=n,g=n,c=1,n=s |