महाभारतम् — 12.78.2
Original
Segmented
भीष्म उवाच अब्राह्मणानाम् वित्तस्य स्वामी राजा इति वैदिकम् ब्राह्मणानाम् च ये केचिद् विकर्मन्-स्थाः भवन्ति उत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अब्राह्मणानाम् | अब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वित्तस्य | वित्त | pos=n,g=n,c=6,n=s |
स्वामी | स्वामिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
वैदिकम् | वैदिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ब्राह्मणानाम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
केचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विकर्मन् | विकर्मन् | pos=n,comp=y |
स्थाः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
उत | उत | pos=i |