महाभारतम् — 12.77.3
Original
Segmented
ऋत्विज्-आचार्य-सम्पन्नाः स्वेषु कर्मसु अवस्थिताः एते देव-समाः राजन् ब्राह्मणानाम् भवन्ति उत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋत्विज् | ऋत्विज् | pos=n,comp=y |
आचार्य | आचार्य | pos=n,comp=y |
सम्पन्नाः | सम्पद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
स्वेषु | स्व | pos=a,g=n,c=7,n=p |
कर्मसु | कर्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अवस्थिताः | अवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
एते | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
देव | देव | pos=n,comp=y |
समाः | सम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ब्राह्मणानाम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
उत | उत | pos=i |