महाभारतम् — 12.74.8
Original
Segmented
कश्यप उवाच व्यृद्धम् राष्ट्रम् भवति क्षत्रियस्य ब्रह्म क्षत्रम् यत्र विरुध्यते ह बलम् दस्यवः तत् भजन्ते ऽबल्यम् तथा तत्र वियन्ति सन्तः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कश्यप | कश्यप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
व्यृद्धम् | व्यृद्ध | pos=a,g=n,c=1,n=s |
राष्ट्रम् | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्षत्रियस्य | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
क्षत्रम् | क्षत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
विरुध्यते | विरुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ह | ह | pos=i |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दस्यवः | दस्यु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भजन्ते | भज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ऽबल्यम् | अबल्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
वियन्ति | वी | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सन्तः | सत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |