महाभारतम् — 12.74.12
Original
Segmented
उभौ एतौ नित्यम् अभिप्रपन्नौ सम्प्रापतुः महतीम् श्री-प्रतिष्ठाम् तयोः संधिः भिद्यते चेत् पुराणस् ततः सर्वम् भवति हि सम्प्रमूढम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उभौ | उभ् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
एतौ | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
अभिप्रपन्नौ | अभिप्रपद् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
सम्प्रापतुः | सम्प्राप् | pos=v,p=3,n=d,l=lit |
महतीम् | महत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
श्री | श्री | pos=n,comp=y |
प्रतिष्ठाम् | प्रतिष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
संधिः | संधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भिद्यते | भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चेत् | चेद् | pos=i |
पुराणस् | पुराण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
सम्प्रमूढम् | सम्प्रमुह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |