महाभारतम् — 12.72.5
Original
Segmented
धर्म-कार्याणि निर्वर्त्य मङ्गलानि प्रयुज्य च ब्राह्मणान् वाचयेथाः त्वम् अर्थ-सिद्धि-जय-आशिषः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
कार्याणि | कार्य | pos=n,g=n,c=2,n=p |
निर्वर्त्य | निर्वर्तय् | pos=vi |
मङ्गलानि | मङ्गल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्रयुज्य | प्रयुज् | pos=vi |
च | च | pos=i |
ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
वाचयेथाः | वाचय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
सिद्धि | सिद्धि | pos=n,comp=y |
जय | जय | pos=n,comp=y |
आशिषः | आशिस् | pos=n,g=f,c=2,n=p |