महाभारतम् — 12.72.32
Original
Segmented
स्वर्ग-लोके च महतीम् श्रियम् प्राप्स्यसि पाण्डव असम्भवः च धर्माणाम् ईदृशानाम् अ राजसु तस्माद् राजा एव न अन्यः ऽस्ति यो महत् फलम् आप्नुयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
महतीम् | महत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्स्यसि | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
पाण्डव | पाण्डव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
असम्भवः | असंभव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
धर्माणाम् | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ईदृशानाम् | ईदृश | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अ | अ | pos=i |
राजसु | राजन् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
न | न | pos=i |
अन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आप्नुयात् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |