महाभारतम् — 12.71.7
Original
Segmented
न अपरीक्ष्य नयेद् दण्डम् न च मन्त्रम् प्रकाशयेत् विसृजेत् न च लुब्धेभ्यो विश्वसेत् न अपकारिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अपरीक्ष्य | अपरीक्ष्य | pos=i |
नयेद् | नी | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
दण्डम् | दण्ड | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
मन्त्रम् | मन्त्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रकाशयेत् | प्रकाशय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
विसृजेत् | विसृज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
लुब्धेभ्यो | लुभ् | pos=va,g=m,c=4,n=p,f=part |
विश्वसेत् | विश्वस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
अपकारिन् | अपकारिन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |