Original

कुलस्यास्यान्तकरणं दुर्मतिं पापकारिणम् ।राजा राष्ट्रेश्वरं कृत्वा धृतराष्ट्रोऽद्य शोचति ॥ ३२ ॥

Segmented

कुलस्य अस्य अन्त-करणम् दुर्मतिम् पाप-कारिणम् राजा राष्ट्र-ईश्वरम् कृत्वा धृतराष्ट्रो ऽद्य शोचति

Analysis

Word Lemma Parse
कुलस्य कुल pos=n,g=n,c=6,n=s
अस्य इदम् pos=n,g=n,c=6,n=s
अन्त अन्त pos=n,comp=y
करणम् करण pos=a,g=m,c=2,n=s
दुर्मतिम् दुर्मति pos=a,g=f,c=2,n=s
पाप पाप pos=n,comp=y
कारिणम् कारिन् pos=a,g=m,c=2,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
राष्ट्र राष्ट्र pos=n,comp=y
ईश्वरम् ईश्वर pos=n,g=m,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
धृतराष्ट्रो धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽद्य अद्य pos=i
शोचति शुच् pos=v,p=3,n=s,l=lat