महाभारतम् — 12.69.50
Original
Segmented
चत्वरेषु च तीर्थेषु सभासु आवसथेषु च यथार्ह-वर्णम् प्रणिधिम् कुर्यात् सर्वत्र पार्थिवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
चत्वरेषु | चत्वर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
तीर्थेषु | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=p |
सभासु | सभा | pos=n,g=f,c=7,n=p |
आवसथेषु | आवसथ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
यथार्ह | यथार्ह | pos=a,comp=y |
वर्णम् | वर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रणिधिम् | प्रणिधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कुर्यात् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
पार्थिवः | पार्थिव | pos=n,g=m,c=1,n=s |