महाभारतम् — 12.69.42
Original
Segmented
कडङ्ग-द्वारकानि स्युः उच्छ्वास-अर्थे पुरस्य ह तेषाम् च द्वार-वत् गुप्तिः कार्या सर्व-आत्मना भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कडङ्ग | कडङ्ग | pos=n,comp=y |
द्वारकानि | द्वारक | pos=n,g=n,c=1,n=p |
स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
उच्छ्वास | उच्छ्वास | pos=n,comp=y |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुरस्य | पुर | pos=n,g=n,c=6,n=s |
ह | ह | pos=i |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
द्वार | द्वार | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
गुप्तिः | गुप्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कार्या | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |