Original

या संज्ञा विहिता लोके दासे शुनि वृके पशौ ।विकर्मणि स्थिते विप्रे तां संज्ञां कुरु पाण्डव ॥ ५ ॥

Segmented

या संज्ञा विहिता लोके दासे शुनि वृके पशौ विकर्मणि स्थिते विप्रे ताम् संज्ञाम् कुरु पाण्डव

Analysis

Word Lemma Parse
या यद् pos=n,g=f,c=1,n=s
संज्ञा संज्ञा pos=n,g=f,c=1,n=s
विहिता विधा pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
दासे दास pos=n,g=m,c=7,n=s
शुनि श्वन् pos=n,g=,c=7,n=s
वृके वृक pos=n,g=m,c=7,n=s
पशौ पशु pos=n,g=m,c=7,n=s
विकर्मणि विकर्मन् pos=n,g=n,c=7,n=s
स्थिते स्था pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
विप्रे विप्र pos=n,g=m,c=7,n=s
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
संज्ञाम् संज्ञा pos=n,g=f,c=2,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s