महाभारतम् — 12.60.51
Original
Segmented
ऋषयः तम् प्रशंसन्ति साधु च एतत् असंशयम् सर्वथा सर्व-वर्णैः हि यष्टव्यम् इति निश्चयः न हि यज्ञ-समम् किंचित् त्रिषु लोकेषु विद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रशंसन्ति | प्रशंस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |
सर्वथा | सर्वथा | pos=i |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
वर्णैः | वर्ण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
हि | हि | pos=i |
यष्टव्यम् | यज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
निश्चयः | निश्चय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
समम् | सम | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |