महाभारतम् — 12.6.10
Original
Segmented
भवत्या गूढ-मन्त्र-त्वात् पीडितो अस्मि इति उवाच ताम् शशाप च महा-तेजाः सर्व-लोकेषु च स्त्रियः न गुह्यम् धारयिष्यन्ति इति अति दुःख-समन्वितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भवत्या | भवत् | pos=a,g=f,c=6,n=s |
गूढ | गुह् | pos=va,comp=y,f=part |
मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
पीडितो | पीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शशाप | शप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
च | च | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
तेजाः | तेजस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
गुह्यम् | गुह्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धारयिष्यन्ति | धारय् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
इति | इति | pos=i |
अति | अति | pos=i |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
समन्वितः | समन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |