Original

तं साक्षात्पृथिवी भेजे रत्नान्यादाय पाण्डव ।सागरः सरितां भर्ता हिमवांश्चाचलोत्तमः ॥ १२१ ॥

Segmented

तम् साक्षात् पृथिवी भेजे रत्नानि आदाय पाण्डव सागरः सरिताम् भर्ता हिमवान् च अचल-उत्तमः

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
साक्षात् साक्षात् pos=i
पृथिवी पृथिवी pos=n,g=f,c=1,n=s
भेजे भज् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रत्नानि रत्न pos=n,g=n,c=2,n=p
आदाय आदा pos=vi
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s
सागरः सागर pos=n,g=m,c=1,n=s
सरिताम् सरित् pos=n,g=f,c=6,n=p
भर्ता भर्तृ pos=n,g=m,c=1,n=s
हिमवान् हिमवन्त् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
अचल अचल pos=n,comp=y
उत्तमः उत्तम pos=a,g=m,c=1,n=s