महाभारतम् — 12.54.38
Original
Segmented
वक्तव्यम् विदुषा च इति धर्मम् आहुः मनीषिणः अप्रतिब्रुवतः कष्टो दोषो हि भवति प्रभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वक्तव्यम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
विदुषा | विद्वस् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
इति | इति | pos=i |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
मनीषिणः | मनीषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
अप्रतिब्रुवतः | अप्रतिब्रुवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
कष्टो | कष्ट | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दोषो | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |